लिंग से तात्पर्य भाषा के ऐसे प्रावधानों से है जो वाक्य के कर्ता के स्त्री,पुरुष,निर्जीव होने के अनुसार बदल जाते हैं। विश्व की लगभग एक चौथाई भाषाओं में किसी न किसी प्रकार की लिंग व्यवस्था है।
हिन्दी में दो लिंग होते हैं – पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग, जबकि संस्कृत में तीन लिंग होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसक लिंग। फ़ारसी जैसे भाषाओं में लिंग होता नहीं, और भी अंग्रेज़ी में लिंग सिर्फ़ सर्वनाम में होता है।
उदाहरण
मोहन पढ़ता है। -पढ़ता का रूप पुल्लिंग है, इसका स्त्रीलिंग रूप ‘पढ़ती’ है। –
गीता गाती है। -यहाँ, ‘गाती’ का रूप स्त्रीलिंग है।
लिंग किसे कहते हैं (Definition of Gender)
लिंग संस्कृत का शब्द होता है जिसका अर्थ होता है निशान। जिस संज्ञा शब्द से व्यक्ति की जाति का पता चलता है उसे लिंग कहते हैं। इससे यह पता चलता है की वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का है।
उदाहरण के लिए :
पुरुष जाति में = बैल , बकरा , मोर , मोहन , लड़का , हाथी , शेर , घोडा , दरवाजा , पंखा , कुत्ता , भवन , पिता , भाई आदि।
स्त्री जाति में = गाय , बकरी , मोरनी , मोहिनी , लडकी , हथनी , शेरनी , घोड़ी , खिड़की , कुतिया , माता , बहन आदि।
लिंग के निर्माण में आई कठिनाई और उसका हल
हिंदी में लिंग के निर्णय का आधार संस्कृत के नियम ही हैं। संस्कृत में हिंदी से अलग एक तीसरा लिंग भी है जिसे नपुंसकलिंग कहते हैं। नपुंसकलिंग में अप्राणीवाचक संज्ञाओं को रखा जाता है। हिंदी में अप्राणीवाचक संज्ञाओं के लिंग निर्णय में सबसे अधिक कठिनाई हिंदी न जानने वालों को होती है।
जिनकी मातृभाषा हिंदी होती है उन्हें सहज व्यवहार के कारण लिंग निर्णय में परेशानी नहीं होती। लेकिन इनमें भी एक समस्या है की कुछ पुल्लिंग शब्दों के पर्यायवाची स्त्रीलिंग हैं और कुछ स्त्रीलिंग के पुल्लिंग। जैसे :- पुस्तक को स्त्रीलिंग कहते हैं और ग्रन्थ को पुल्लिंग।
हिंदी में लिंग
व्याकरणाचार्य ने लिंग निर्णय के कुछ नियम बताये हैं लेकिन उन सभी में अपवाद है। लेकिन फिर भी लिंग निर्णय के कुछ नियम इस प्रकार है :-
1. जब प्राणीवाचक संज्ञा पुरुष जाति का बोध कराएँ तो वे पुल्लिंग होते हैं और जब स्त्रीलिंग का बोध कराएँ तो स्त्रीलिंग होती हैं।
जैसे :- कुत्ता , हाथी , शेर पुल्लिंग हैं और कुत्तिया , हथनी , शेरनी स्त्रीलिंग हैं।
2. कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों लिंगों का बोध करती है तो वे नित्य पुल्लिंग में शामिल हो जाते हैं।
जैसे :- खरगोश , खटमल , गैंडा , भालू , उल्लु आदि।
3. कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों का बोध करे तो वे नित्य स्त्रीलिंग में शामिल हो जाते हैं।
जैसे :- कोमल , चील , तितली , छिपकली आदि।
लिंग के भेद
संसार में तीन जातियाँ होती हैं – पुरुष ,स्त्री ,जड़। इन्ही जातियों के आधार पर लिंग के भेद बनाए गये हैं।
1. पुल्लिंग
2. स्त्रीलिंग
3. नपुंसकलिंग
1. पुल्लिंग क्या होता है
जिन संज्ञा के शब्दों से पुरुष जाति का पता चलता है उसे पुल्लिंग कहते हैं।
जैसे :- पिता , राजा , घोडा , कुत्ता , बन्दर , हंस , बकरा , लडकी , आदमी, सेठ , मकान , लोहा , चश्मा , दुःख , प्रेम , लगाव , खटमल , फूल , नाटक , पर्वत , पेड़ , मुर्गा , बैल , भाई , शिव , हनुमान , शेर आदि।
पुल्लिंग अपवाद
पक्षी , फरवरी , एवरेस्ट , मोतिया , दिल्ली , स्त्रीत्व आदि।
पुल्लिंग की पहचान
1. जिन शब्दों के पीछे अ , त्व , आ , आव , पा , पन , न आदि प्रत्यय आये वे पुल्लिंग होते हैं।
जैसे :- मन , तन , वन , शेर , राम , कृष्ण , सतीत्व , देवत्व , मोटापा , चढ़ाव , बुढ़ापा , लडकपन , बचपन , लेन -देन आदि।
2. पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं ।
जैसे :- हिमालय , हिमाचल , विघ्यांच्ल , सतपुड़ा , आल्प्स , यूराल , कंचनजंगा , एवरेस्ट , फूजियामा , कैलाश , मलयाचल , माउन्ट एवरेस्ट आदि।
15. खोज – गुमशुदा व्यक्तियो की खोज अभी तक जारी है ।
16. खबर – उसकी मृत्यु की खबर गलत निकली थी ।
17. गर्दन – मेरी गर्दन फंस गई है ।
18. घूस – घूस बहुत ही बुरी चीज है ।
19. घात – चील साँप की घात में है ।
20. चमक – उनके चेहरे की चमक गायब हो चुकी है ।
21. चिढ – राम की चिढ बहुत महंगी पड़ी ।
22. चाल – घोड़े की चाल अच्छी होती है ।
23. चील – चील आकाश में उड़ रही है ।
24. छत – छत टूट चुकी है ।
25. जाँच – जाँच पूरी नहीं हुई है ।
26. जीभ – जीभ कटी नहीं है ।
27. जूं – मेरे सिर में जूं हो रही हैं ।
28. झंझट – झंझट में कभी नहीं पड़ना चाहिए ।
29. तांग – मरी तांग टूटने से बच गई है ।
30. ठेस – उसे बहुत ठेस लगी है ।
31. किताब – किताब बहुत पुराणी है ।
32. तबियत – उनकी तबियत ठीक है ।
33. थकावट – सारा दिन काम करने से शरीर में थकावट हो गई है ।
34. दीवार – दीवार गिर चुकी है ।
35. देह – उनकी देह बहुत मोटी है ।
36. धूप – धूप निकल गई है ।
37. नकल – मेरी नकल मत किया करो ।
38. नहर – नहर का पानी बहुत गंदा है ।
39. नब्ज – मै उसकी नब्ज पहचानता हूँ ।
40. प्रतिज्ञा – मेरी प्रतिज्ञा अटल है ।
41. फटकार – मैंने उसमे फटकार लगाई ।
42. बंदूक – यह सीता की बंदूक है ।
43. बर्फ – बर्फ गिर चुकी है ।
44. बालू – बालू पीली है ।
45. बूंद – पानी की बुँदे एक एक करके गिर रही हैं ।
46. भीख – भीख कभी नही देनी चाहिए ।
47. भीड़ – वहाँ पर भीड़ लग रही थी ।
48. भूख – मुझे भूख लग रही है । 49. मूंछ – उनकी मूंछें नुकीली नहीं है ।
50. यात्रा – यात्रा अच्छी हुई थी ।
51. लाश – लाश सड चुकी है ।
52. लीक – यह लिक किस तरह की है ।
53. लु – लु चलने से उसे चक्कर आ गया ।
54. शराब – शराब बहुत महंगी है ।
55. विजय – युद्ध में उनकी विजय हुई । 56. सजा – उसे दो साल की सजा हुई है ।
57. सडक – सडक बहुत छोटी है ।
58. साँझ – साँझ हो चुकी है ।
नोट :- आपको जिस संज्ञा शब्द का लिंग बदलना है पहले उसका बहुवचन में परिवर्तन कीजिए । बहुवचन में बदलने के बाद अगर शब्द के पीछे ऍ या आँ आये तो वो स्त्रीलिंग है और अगर पीछे ऍ और आँ नहीं आता है तो वह पुल्लिंग होगा ।
जैसे :-
पंखा – पंखे = आँ या ऍ नहीं आया है तो यह पुल्लिंग है ।
चाबी – चाबियाँ = आँ आया है तो यह स्त्रीलिंग हैं ।
शब्दों का लिंग परिवर्तन इस प्रकार है
पुल्लिंग = स्त्रीलिंग
1. कवि = कवियित्री
2. विद्वान् = विदुषी
3. नेता = नेत्री
4. महान = महती
5. साधु = साध्वी
6. दादा = दादी
7. बालक = बालिका
8. घोडा = घोड़ी
9. शिष्य = शिष्या
10. छात्र = छात्रा
11. बाल = बाला
12. धोबी = धोबिन
13. पंडित = पण्डिताइन
14. हाथी = हथिनी
15. ठाकुर = ठकुराइन
16. नर = मादा
17. पुरुष = स्त्री
18. युवक = युवती
19. सम्राट = सम्राज्ञी
20. मोर = मोरनी
21. सिंह = सिंहनी
22. सेवक = सेविका
23. अध्यापक = अध्यापिका
24. पाठक = पाठिका
25. लेखक = लेखिका
26. दर्जी = दर्जिन
27. ग्वाला = ग्वालिन
28. मालिक = मालकिन
29. शेर = शेरनी
30. ऊँट = ऊंटनी
31. गायक = गायिका
32. शिक्षक = शिक्षिका
33. वर = वधू
34. श्रीमान = श्रीमती
35. भेड़ = भेडा
36. नाग = नागिन
37. पडोस = पड़ोसिन
38. मामा = मामी
39. बलवान = बलवती
40. नर तितली = तितली
41. भेडिया = मादा भेडिया
42. नर मक्खी = मक्खी
43. कछुआ = मादा कछुआ
44. नर चील = चील
45. खरगोश = मादा खरगोश
46. नर चीता = चीता
47. भालू = मादा भालू
48. नर मछली = मछली
49. घोडा = घोड़ी
50. देव = देवी
51. लड़का = लडकी
52. ब्राह्मण = ब्राह्मणी
53. बकरा = बकरी
54. चूहा = चुहिया
55. चिड़ा = चिड़िया
56. बेटा = बिटिया
57. गुड्डा = गुडिया
58. लोटा = लुटिया
59. माली = मालिन
60. कहार = कहारिन
61. सुनार = सुनारिन
62. लुहार = लुहारिन
63. नौकर = नौकरानी
64. चौधरी = चौधरानी
65. देवर = देवरानी
66. सेठ = सेठानी
67. जेठ = जेठानी
68. बाल = बाला
69. सुत = सुता
70. तपस्वी = तपस्विनी
71. हितकारी = हितकारिनी
72. स्वामी = स्वामिनी
73. परोपकारी = परोपकारिनी
74. दास = दासी
पुल्लिंग और स्त्रीलिंग दोनों में प्रयुक्त होने वाले शब्द इस प्रकार हैं
प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्री , राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति , चित्रकार , पत्रकार , गवर्नर ,लेक्चर , वकील , डॉक्टर , सेक्रेटरी , प्रोफेसर , शिशु , दोस्त , बर्फ , मेहमान , मित्र , ग्राहक , प्रिंसिपल , मैनेजर , श्र्वास , मंत्री आदि ।
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम इस प्रकार हैं
1. अ , आ पुल्लिंग शब्दों को जब ‘ ई ‘ कर दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग हो जाते हैं ।
पुल्लिंग = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं :-
गूँगा = गूँगी
गधा = गधी
देव = देवी
नर = नारी
नाला = नाली
2. जब अ , आ , वा आदि पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में बदला जाता है तो अ, आ, तथा वा की जगह पर ‘ इया ‘ लगा दिया जाता हैं ।
पुल्लिंग = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं :-
लोटा = लुटिया
बन्दर = बंदरिया
बुढा = बुढिया
बेटा = बिटिया
चिड़ा = चिड़िया
3. जब अक जैसे तत्सम शब्दों में ‘ इका ‘ जोडकर भी स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं ।
तत्सम शब्द + इका = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं ।
अध्यापक + इका = अध्यापिका
पत्र + इका = पत्रिका
चालक + इका = चालिका
सेवक + इका = सेविका
लेखक + इका = लेखिका
गायक + इका = गायिका
पाठक + इका = पाठिका
संपादक + इका = संपादिका
4. जब पुल्लिंग को स्त्रीलिंग बनाया जाता है तो कभी कभी नर या मादा लगाना पड़ता है ।
पुल्लिंग = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं :-
तोता = मादा तोता
खरगोश = मादा खरगोश
मच्छर = मादा मच्छर
जिराफ = मादा जिराफ
खटमल = मादा खटमल
मगरमच्छ = मादा मगरमच्छ
उल्लू = मादा उल्लू
कोयल = नर कोयल
चील = नर चील
मकड़ी = नर मकड़ी
भेड़ = नर भेड़
मक्खी = नर मक्खी
गिलहरी = नर गिलहरी
मैना = नर मैना
कछुआ = नर कछुआ
भालू = मादा भालू
भेडिया = मादा भेडिया
5. कुछ शब्द स्वतंत्र रूप से स्त्री -पुरुष के स्वंय में ही जोड़े होते हैं । कुछ पुल्लिंग शब्दों के स्त्रीलिंग बिलकुल उल्टे होते हैं ।
पुल्लिंग = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं
राजा = रानी
सम्राट = सम्राज्ञी
पिता = माता
भाई = बहन
वर = वधू
पति = पत्नी
मर्द = औरत
पुरुष = स्त्री
बैल = गाय
पुत्र = कन्या
फूफा = बुआ
6. कुछ शब्दों का स्त्रीलिंग न हो पाने की वजह से उनमें ‘ आनी ‘ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है ।
पुल्लिंग + आनी = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं
ठाकुर + आनी = ठकुरानी
सेठ + आनी = सेठानी
चौधरी + आनी = चौधरानी
देवर +आनी = देवरानी
नौकर + आनी = नौकरानी
इंद्र + आनी = इन्द्राणी
जेठ + आनी = जेठानी
मेहतर + आनी = मेहतरानी
पण्डित +आनी = पंडितानी
7. कभी कभी पुल्लिंग के कुछ शब्दों में ‘ इन ‘ जोडकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है ।
पुल्लिंग + इन = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं :-
साँप + इन = सांपिन
सुनार + इन = सुनारिन
नाती + इन = नातिन
दर्जी + इन = दर्जिन
कुम्हार + इन = कुम्हारिन
लुहार + इन = लुहारिन
माली + इन = मालिन
धोबी + इन = धोबिन
बाघ + इन = बाघिन
8. कभी कभी बहुत से शब्दों में ‘ आइन ‘ जोडकर स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं ।
पुल्लिंग + आइन = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं :-
चौधरी + आइन = चौधराइन
हलवाई + आइन = हलवाइन
गुरु + आइन = गुरुआइन
पंडित + आइन = पण्डिताइन
ठाकुर + आइन = ठकुराइन
बाबू +आइन = बबुआइन
9. जब पुल्लिंग शब्दों में ता की जगह पर ‘ त्री ‘ लगा दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग बन जाते हैं ।
पुल्लिंग = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं
नेता = नेत्री
दाता = दात्री
अभिनेता = अभनेत्री
रचयिता = रचयित्री
विधाता = विधात्री
वक्ता = वक्त्री
धाता = धात्री
10. जब पुल्लिंग के जाति और भाव बताने वाले शब्दों में नी लगा दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं ।
पुल्लिंग शब्द + नी = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं
सियार + नी = सियारनी
हिन्दू + नी = हिन्दुनी
ऊँट + नी = ऊंटनी
शेर + नी = शेरनी
भील + नी = भीलनी
हंस + नी = हंसनी
मोर + नी = मोरनी
चोर + नी = चोरनी
हाथी + नी = हथिनी
सिंह + नी = सिंहनी
11. पुल्लिंग शब्दों में जब ‘ इनी ‘ जोड़ दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग बन जाते हैं ।
पुल्लिंग शब्द + इनी = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं
तपस्वी + इनी = तपस्विनी
स्वामी + इनी = स्वामिनी
मनस्वी + इनी = मनस्विनी
अभिमान + इनी = अभिमानिनी
दंडी + इनी = दंडिनी
संन्यासी + इनी = संन्यासिनी
सुहास + इनी = सुहासिनी
12. संस्कृत के पुल्लिंग शब्दों मान और वान को जब वती और मति में बदल दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं ।
पुल्लिंग = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं
बुद्धिमान = बुद्धिमती
पुत्रवान = पुत्रवती
श्रीमान = श्रीमती
भाग्यवान = भाग्यवती
आयुष्मान = आयुष्मती
भगवान = भगवती
धनवान = धनवती
13. संस्कृत के अकारांत शब्दों में आ लगा देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते हैं ।
अकारांत + आ = स्त्रीलिंग के उदहारण इस प्रकार हैं
तनुज + आ = तनुजा
चंचल + आ = चंचला
आत्मज + आ = आत्मजा
सुत +आ = सुता
प्रिय + आ = प्रिया
पूज्य +आ = पूज्या
श्याम + आ = श्यामा
भैस + आ = भैंसा
भेड़ + आ = भेडा
मौसी +आ = मौसा
जीजी + आ = जीजा
लिंग निर्णय करने के प्रकार
तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय
संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय
तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय
अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय
प्रत्ययों के आधार पर तद्भव हिंदी शब्दों का लिंग निर्णय
उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय
1. तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय :-
तत्सम शब्दों के लिंग निर्णय को दो भागों में बाँटा गया है ।
(क) तत्सम पुल्लिंग शब्द
(ख) तत्सम स्त्रीलिंग शब्द
(क) तत्सम पुलिंग शब्द :-
अ , आ से शुरू होने वाले शब्द :-
1. अध्याय , आश्र्चर्य , अंकन , अंकुश , अंजन , अंचल , अन्तर्धान , अन्तस्तल , अम्बुज , अंश , अकाल , अक्षर , अलंकार , अनुच्छेद , अवमान, अनुमान , आकलन , आमंत्रण , आक्रमण , आभार , आवास , अपराध आदि ।
उ , ऊ से शुरू होने वाले शब्द :-
2. उरोज , उपहार , उत्तर , उद्भव , उपकरण आदि ।
च से शुरू होने वाले शब्द :-
3. चित्र , चन्द्र , चन्दन आदि ।
प से शुरू होने वाले शब्द :-
4. पत्र , पात्र , पोषण , पालन , प्रकार , प्रहार , प्रचार , प्रसार , पश्र , प्रहर , परिमाण, परिमार्जन, परिवर्तन, परिशोध, परिशीलन, प्राणदान, प्रान्त, पक्ष, पृष्ट, प्रवेश, प्रभाव आदि ।
म से शुरू होने वाले शब्द :-
5. मित्र, मलयज, माधुर्य, मास, मोद, मस्तक, मेघ, मर्म, मार्ग आदि ।
जैसे :- मोती , पत्रा , हीरा , जवाहर , मूँगा , नीलम , पुखराज , लाल आदि ।
3. इसमें धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं ।
जैसे :- ताँबा , लोहा , चाँदी , पीतल , सोना , कांसा , टीन , स्टील आदि ।
4. इसमें अनाज के नाम पुल्लिंग होते हैं ।
जैसे :- जौ , गेंहूँ , चावल , बाजरा , चना , मटर आदि ।
5. इसमें पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं ।
जैसे :- अशोक , तमाल , पीपल , बड , देवदार , आम , शीशम , सागौन , कटहल , नीबू , सेब , बादाम , अखरोट आदि ।
6. इसमें द्रव्यों के नाम पुल्लिंग होते हैं ।
जैसे :- पानी , घी , दूध , तेल , शरबत , इत्र , सिरका , रायता , लस्सी आदि ।
7. इसमें स्थान और जलों के नाम पुल्लिंग होते हैं ।
जैसे :- देश , नगर , शहर , नभोमण्डल , वायुमंडल , पाताल , समुद्र , सरोवर , पर्वत आदि ।
(ख) अप्राणीवाचक स्त्रीलिंग हिंदी शब्द और नियम इस प्रकार हैं :-
1. इसमें नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं ।
जैसे :- गंगा , जमुना , सरस्वती , ब्रह्मपुत्र , सतलुज , गोदावरी , रावी , झेलम , व्यास आदि ।
2. इसमें नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं ।
जैसे :- भरणी , अश्विनी , रोहिणी आदि ।
3. दुकानदार की चीजें स्त्रीलिंग होती हैं ।
जैसे :- लौंग , इलायची , मिर्च , दालचीनी , हल्दी , सुपारी , हींग आदि ।
4. इसमें खाने पिने की चीजें स्त्रीलिंग होती हैं ।
जैसे :- कचौड़ी , खीर, पूरी , दाल , पकौड़ी , रोटी , चपाती , तरकारी , खिचड़ी आदि ।
प्रत्ययों के आधार पर तद्भव हिंदी शब्दों का लिंग निर्णय :-
प्रत्ययों के आधार पर तद्भव हिंदी शब्दों का लिंग निर्णय चार भागों में बाँटा गया है ।
(क) स्त्रीलिंग कृदंत प्रत्यय
(ख) पुल्लिंग कृदंत प्रत्यय
(ग) स्त्रीलिंग तद्धित प्रत्यय
(घ) पुल्लिंग तद्धित प्रत्यय
(क) स्त्रीलिंग कृदंत प्रत्यय :-
जब संज्ञा शब्दों के अंत में अ , अंत , आई , आन , आवट , आस , आहट , ई , औती , आवनी , क , की , ती , नि आदि शब्द आते हैं ।जिन धातु शब्दों में हिंदी के कृदंत प्रत्यय लगे होते हैं वे स्त्रीलिंग होते हैं । इन स्त्रीलिंग कृदंत प्रत्ययों में अ , क और न प्रत्यय कहीं कहीं पर पुल्लिंग में भी आ जाते हैं ।
जब संज्ञा शब्दों के अंत में अक्कड , आ , आऊ , आक , आकू , आप , आपा , आव , इयल , इया , ऊ , एरा , ऐया , ऐत , औता , औना , औवल , क , का , न , वाला आदि शब्द आते हैं । जिन धातु शब्दों में हिंदी कृदंत प्रत्यय लगे होते हैं वे पुल्लिंग होते हैं । क और न को उभयलिंग ही माना जाता है । इन दोनों प्रत्ययों को और स्त्रीलिंग प्रत्ययों को छोडकर सभी पुल्लिंग होते हैं ।
जब संज्ञा शब्दों के अंत में आई , आवट , आस , आहट , इन , एली , ऑडी , ओटी , औती , की , टी , डी , त , ती , नी , ऋ , ल , ली आदि शब्द आते हैं । जिन धातु शब्दों में हिंदी तद्धित प्रत्यय लगते हैं वे स्त्रीलिंग होते हैं ।
जैसे :- सिलाई , थकावट , खास , हथेली आदि ।
(घ) पुल्लिंग तद्धित प्रत्यय :-
जब संज्ञा शब्दों के अंत में आ, आऊ, आका, आटा, आना, आर, इयल, आल, आड़ी, आरा, आलू, आसा, ईला, उआ, ऊ, एरा, एड़ी, ऐत, एला, ऐला, ओटा, ओट, औड़ा, ओला, का, जा, टा, ड़ा, ता, पना, पन, पा, ला, वन्त, वान, वाला, वाँ, वा, सरा, सों, हर आदि आते हैं । जिन धातु शब्दों में हिंदी तद्धित प्रत्यय लगते हैं वे पुल्लिंग होते हैं ।
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