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Rape Bihar Case | बिहार के मुजफ्फरपुर , के राक्षस बृजेश ठाकुर की पुलिस हिरासत में हँसते हुए फोटो देखी क्या ? नही देखी तो देख लीजिए।
हा एक और बात इसकी जरा मैरिट को भी चैक कर लीजिए।।
7 से 12 वर्ष की कोमल अनाथ बेटियो को ,जिनको सनातनी देवी स्वरूपा मान कर नवरात्रि में पूजन, भोजन करवाकर मान देते हैं, ये जल्लाद ऐसी 34 बच्चियों के रेप खुद करता था ,और बिहार के सत्ताधीशों को भी परोसता था।
अनाथ बेहसहरा बेबस लाचार अपनो के प्यार से दूर बेचारी इन बच्चियां को बड़े सफ़ेदपोश नेताओ को परोसा जाता था,इसके लिए उन्हें नशे की दवाई देकर मदहोश कर दिया जाता था।
बदले में इस बृजेश ठाकुर को नीतीश सरकार अपनी स्टाइल में ईनाम इकराम से नवाजती थी। आज इसकी बेटी निकिता आनंद इसका पक्ष लेकर कह रही है कि, मेरे बाप के पास बहुत पैसा है। वो चाहते तो सैक्स के लिए वेश्यावृत्ति का सहारा ले सकते थे।
बदले में इस बृजेश ठाकुर को नीतीश सरकार अपनी स्टाइल में ईनाम इकराम से नवाजती थी। आज इसकी बेटी निकिता आनंद इसका पक्ष लेकर कह रही है कि, मेरे बाप के पास बहुत पैसा है। वो चाहते तो सैक्स के लिए वेश्यावृत्ति का सहारा ले सकते थे।
इस नामुराद निकिता जो खुद एक बच्ची की माँ है, को कौन बताए कि जिस्म के बाजार में कच्ची कलियाँ अनमोल होती हैं। विश्व मे सबसे ज्यादा लोकप्रिय चाइल्ड पोर्न है, जो अब भारत मे प्रतिबंधित है। मामला सिर्फ सैक्स तक सीमित नही है। लाईजिनिंग, ठेका, पट्टा हासिल करना सब कामो में इन मासूम बच्चियों को इस्तेमाल किया गया। ये ब्रजेश ठाकुर इसलिए खीसें बघार सकता है क्योंकि, इसे अपनी लॉबी पर पूरा भरोसा है।
इसके लोजी इसको बचा लेगी, जनता भी कुछ दिन बाद इसकी करतूतें भूल जाएगी, जैसे एनडी तिवारी, पण्डित सुखराम ,अभिषेक मनु सिंघवी, राघव जी, वरुण गाँधी की भूल गयी। ये बिहार की उस अल्पसंख्यक किन्तु सशक्त जाति से है जिनका प्रतिनिधित्व ब्यूरोक्रेसी, मीडिया, न्यायालय में अपनी संख्या से कई गुना अधिक है। कल्पना कीजिए यदि ये जघन्य कांड किसी अखिलेश यादव जी , मायावती जी या लालू यादव जी के शासन काल मे हुआ होता तो क्या होता ?
न्यूज चैनलों ने इस मुद्दे पर कितनी डिबेट आयोजित की ? बिहार के अलावा कितने अखबारों ने इस खबर को मोटी हैंडिग के साथ फ्रंट पेज पर छापा ? कितनी टीवी न्यूज चैनल की महिला सेलिब्रिटी एंकर्स ने इस खबर को अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट किया ? इन सवालों के जबाब खोज लीजिए। गद्दार डीएनए वाले नीतीश कुमार से उम्मीद न कीजिये, बस इस जघन्य कांड पर निगाह बनाये रखिये। भक्तों को जाने दीजिए उनके लिए बच्चियों से ज्यादा बकरी महत्वपूर्ण है।
धिक्कार।।।।
हैं,,
धिक्कार।।।।
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