
उत्तर प्रदेश के उन्नाव और जम्मू के कठुआ रेप कांड ने देश को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है। रेप की वारदातें होती हैं और आरोपी बच निकलते हैं, लेकिन सवाल जस का तस है कि आखिर कब इन जालिमों के मन में कानून का खौफ दिखेगा। देश का कानून इतना लचीला है कि आरोपी खुलेआम घूमते हैं और पीड़ित लड़कियों की जिंदगी अंधेरे में पहुंच जाती है। उन्नाव रेप कांड मीडिया की कवरेज की वजह से तूल पकड़ गया, लेकिन ऐसे बहुत मामले हैं, जहां बेटियों की चीख बंद कमरे में दबी रह जाती है।
ईरान को दुनिया में रौंगटे खड़े कर देने वाली सजा के लिए पहचाना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां बड़े अपराधों में मौत की सजा दे दी जाती है। इतना ही नहीं छेड़छाड़, पीछा करने और शोषण करने के आरोप में यहां कोड़े मारने की सजा दी जाती है।
सऊदी में दोषी रेप की वारदात को अंजाम देने से पहले कई बार सोचता है, क्योंकि दर्दनाक सजा के तौर पर गुनाहगार को बीच चौक में खड़ा करके पत्थरों से पीटा जाता है। तब तक उस पर पत्थरों की बरसात होती है, जब तक वो मर नहीं जाता।
ग्रीस में रेप की सजा बहुत अलग है। अगर यहां शारीरिक शोषण, यौन उत्पीड़न, जबरन सेक्स, जान से मारने की धमकी देकर सेक्स या क्षमता से अधिक सेक्स कर पीड़ित किया जाता है तो वह रेप माना जाता है। आरोपी को जेल में बंद कर कड़ी सजाए दी जाती हैं, उसे जेल में जानवरों की तरह बेड़ियों में बांध कर रखा जाता है।
नीदरलैंड में अगर 18 साल के कम उम्र की वेश्या के साथ जबरदस्ती सेक्स किया जाता है तो वह भी रेप माना जाता है। वहीं साबित हुए रेप के आरोप में दोषी को 4 से 15 साल की सजा दी जाती है। जबरन सेक्स, शारीरिक उत्पीड़न और बिना मर्जी के किया गया ‘लिप लॉक’ भी यहां रेप करने की श्रेणी में आता है।