कुलदीप सिंह सेंगर कौन है? यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव बीजेपी से लड़ा. बीजेपी ने कुलदीप सिंह सेंगर को बांगरमऊ से टिकट दे दिया और उन्होंने विधानसभा चुनाव में चौथी बार जीत हासिल की.
कुलदीप सिंह सेंगर ने 2007 में चुनावी घोषणा पत्र में संपत्ति 36 लाख बताई थी और 2012 में उनकी संपत्ति एक करोड़ 27 लाख की हो गई थी. वहीं 2017 के चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक, उनकी संपत्ति 2 करोड़ 14 लाख तक पहुंच गई.
उन्नाव गैंगरेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीबीआई की टीम ने उसके लखनऊ स्थित इंदिरानगर आवास से सुबह करीब 5 बजे गिरफ्तार कर लिया। विधायक पर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज़ किया गया था। बताया जा रहा है कि आज सुबह 11 बजे सीबीआई आरोपी विधायक को कोर्ट में पेश कर सकती है।
दरअसल, सीबीआई की लखनऊ इकाई ने बृहस्पतिवार देर रात आरोपी विधायक सेंगर के खिलाफ तीन केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस की सुनवाई पूरी कर ली थी, जिस पर फैसला आज (शुक्रवार) दोपहर 2.00 बजे सुनाया जाएगा।
विधायक के खिलाफ एसआईटी द्वारा दर्ज कराए गए रेप के केस के साथ ही विधायक के भाई अतुल सिंह द्वारा पीड़िता के पिता के साथ मारपीट और जेल में उनकी मौत का मामला शामिल है। सीबीआई एसपी राघवेंद्र वत्स ने यूपी पुलिस से संबंधित कागजात ले लिए हैं।
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सेंगर को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। वजह यह है कि सेंगर के खिलाफ सिर्फ आरोप के आधार पर रेप व पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है, इसलिए विधायक की गिरफ्तारी पर फैसला भी सीबीआई ही करेगी। हालांकि एसआईटी अपने स्तर से जांच करती रहेगी। अगर कोई सुबूत हाथ लगा तो पुलिस भी अपने स्तर से कार्रवाई करेगी।
सरकार किसी को नहीं बचाना चाहती : डीजीपी
पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवालों पर डीजीपी ने कहा कि अब तक तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की गई है। आगे भी इसी आधार पर की जाएगी। सरकार किसी को बचाने का प्रयास नहीं कर रही है। एसआईटी ने जिन पुलिस अफसरों को दोषी बताया, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
पीड़िता को मुकम्मल सुरक्षा
विधायक की गिरफ्तारी न होने से जांच प्रभावित होने से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए डीजीपी ने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार को मुकम्मल सुरक्षा उपलब्ध करा दी गई है। न तो उस पर कोई दबाव डाल सकता है, न ही कोई जांच प्रभावित कर सकता है।