Qayamat Ki 72 Nishaniyan
हज़रत हुज़ैफ़ा (रज़ियल्लाहु तआला अन्हु) से रिवायत है के हुज़ूरे अकरम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के क़यामत के क़रीब 72 बाते पेश आएगी.
वह निशानिया निचे पेश की जाती है.
- लोग नमाज़े गरत करने (छोड़ने) लगेंगे. (यानी नमाज़ो का एहतिमाम रुखसत हो जाएगा.)
- अमानत जाए करने लगेंगे. यानी जो अमानत उन के पास राखी जाएगी उस में खयानत करने लगेंगे.
- सूद (व्याज, इंट्रेस्ट) खाया जाएगा.
- झूट को हलाल समझने लगेंगे. (यानी झूट 1 फैन (हुनर) बन जाएगा. के कौन कितनी सिफ़त से झूट बोल लेता है)
- मामूली मामूली बातो पर खून रेज़ी करने लगेंगे. ज़रा सी बात पा दूसरे की जान ले लेंगे.
- ऊँची-ऊँची (लम्बी) इमारते बनाएँगे.
- इलम बेच कर लोग दुनय जमा करेंगे.
- काटा रहीम यानी रिश्ते दरों से बद-सुलुकी होगी.
- इंसाफ नायब हो जाएगा. (यानी इंसाफ मुश्किल से मिल सकेगा).
- झूट सच बन जाएगा.
- रेशम का लिबास पहना जाएगा. (याद रहे के रेशम का लिबास पहनना मर्द के लिए जाइज़ नहीं है)
- ज़ुलम आम हो जाएगा.
- तलाक़ की कसरत होगी. (यानी खूब तलाक़ दी जाएगी.) याद रहे के तलाक़ देना हलाल और जाइज़ कामो में सब से न पसंदीदा काम है.
- नागहानी मौत आम हो जाएगी. यानी ऐसी मौत आम हो जाएगी जस का पहले से पता न होगा. बल्कि अचानक पता चलेगा के फलाना अभी ज़िन्दा ठीक थक था और अब मर गया.
- खयानत करने वाले को अमीन (अमानत डर) समजा जाएगा. यानी जो अमानत में खयानत करता होगा. लोग उसी पर भरोसा करने लगेंगे.
- अमानत डर को खाएं (खयानत करने वाला) समजा जाएगा. यानी अमानतदार पर तोहमत (इलज़ाम) लगाई जाएगी के ये अमानत में खयानत करनेवाला है.
- झूठे को सच्चा समजा जाएगा.Qayamat Ki 72 Nishaniyan
- सच्चे को झूठा समजा जाएगा.
- तोहमतदारजी (इलज़ाम लगाना) आम हो जाएगी. यानी लोग एक दूसरे पर झूटी तोहमते लगाएंगे.
- बारिश के बावजूद गर्मी होगी.
- लोग अवलाद की ख्वाहिश करने के बजाए अवलाद से कराहट करने लगेंगे. आज देख ले के खानदानी मंसूबा बंदी हो रही है. और ये नारे लगाया जाता है के “बच्चे दो ही अच्छे.”
- कमीनो के ठाठ होंगे. यानी कमीने लोग बड़े ठाठ से ऐश और इशरत के साथ ज़िन्दगी गुज़रेंगे.
- शरीफो की नाक में डैम आ जाएगा. यानी शरीफ लोग अपनी शराफत को ले कर बैठेंगे तो दुन्या से काट जाएगा.
- अमीर और वज़ीर झूट के आदि बन जाएगी. यानी सरबराहे हुकूमत (हुकूमत वाले बात-बात पर झूट बोलेंगे.
- अमीन खयानत करने लगेंगे. यानी जिस के पास अमानत राखी जाएगी वह उस अमानत में खयानत करने लगे गए.
- सरदार ज़ुलम पेहसा होंगे.यानी क़ौम के सरदार (बड़े लोग) ज़ुलम करने वाले होंगे.
- आलिम और करी बढ़कर होंगे.
यानी आलिम भी है और क़ुरान की तिलावत भी करते है मगर बढ़कर है. (अल्लाह की पनाह) - लोग मुर्दार की खालो का लिबास पहनने लगेंगे.
- दिल मुर्दार से ज़्यादा बदबूदार होंगे.
- दिल रेलवे से ज़्यादा कड़वे होंगे.
- सोना (गोल्ड) आम हो जाए. (जैसा आजकल है.)Qayamat Ki 72 Nishaniyan
- चाँदी की मांग होगी. (जैसा आजकाल है.)
- गुना ज़्यादा हेंगे। (यानी लोग ख़ूब गुनाहो में मुब्तला होंगे.)
- अमन (शांति, चैन, सुकून) काम हो जाएगा.
- क़ुरान ऐ करीम के नुस्खों को आरास्ता किया जाएगा. और उस पर नक़्श ओ निगार (देसीगें) बनाया जाएगा.
- मस्जिदों में नक़्श निगार किया जाएगा. यानी खूबसूरत देसिगेन्स वाली मस्जिदे होंगी.
- ऊँचे-ऊँचे मीनार बनेगे. (जैसा आज हम देख रहे है.)
- लेकिन (मस्जिदों, क़ुरान को ज़ीनत वाला बनाने के बा वजूद) दिल वीरान होंगे.
- शराब पी जाएगी. यानी शराब आम हो जाएगी.
- शरीअत की सजाए (इस्लामिक लौ) जैसे (जीना, चोरी, बोहतान, खून.) को ख़तम किया जाएगा.
- बेटी माँ पर हुकूमत करेगी. और उस के साथ ऐसा सुलूक करेगी जैसे आक़ा अपनी कनीज़ के साथ सुलूक करता है.
- गैर मुहज़्ज़ब लोग बादशाह बनेगे. यानी जो लोग नसब और अख़लाक़ के एतिबार से कमीने और नीचे दर्जे के समजे जाते है वो हुकूमत करने लगेंगे.
- तिजारत में औरत मर्द के साथ शिरकत करेगी. जैसे आज कल हो रहा है के औरते ज़िन्दगी के हर काम में मर्दो के सहना बा सहना चलने की कोशिश कर रही है.
- मर्द औरत की नक़ल करेंगे,
- औरते मर्दो की नक़ल करेंगे. आज देखले फैशन ने ये हालत कर दी है के दूर से देखो तो पता लगाना मुश्किल होता है के ये मर्द है या औरत?
- गैरुल्लाह की कस्मे खाई जाएगी. क़सम सिर्फ अल्लाह की या उस की साफ़त की कहा सकते है. मगर लोग और चीज़ो की क़सम खाएंगे (तेरे सर की, बाप की, गौसे पाक की, मौला अली की.
- मुस्लमान भी बगैर कहे झूटी गवाही देने को तैयार हो जाएंगे. (और लोग तो करते ही होंगे.मगर मुस्लमान भी झूटी गवाही देने को तैयार हो जाएंगे)
- सिर्फ जान पहचान के लोगों को सलाम किया जाएगा. (रास्ते उन लोगों से सलाम नहीं किया जाएगा जिन से जान पहचान हे तो सलाम कर लेंगे.)
- दीन का इलम दुनिया के लिए पढ़ा जाएगा. Qayamat Ki 72 Nishaniyan
- आख़िरत के नाम से दुनिया कमाई जाएगा.
- माल-ए-गनीमत को जाती माल समजा जाएगा.
- अमानत को लूंट का माल समजा जाएगा। यानी अगर किसी अमानत रखवादी को समझेंगे के ले लूंट का माल हासिल हो गया।
- ज़कात को जुरमाना समजा जाएगा.
- सब से रज़ील (कमीना) आदमी क़ौम का लीडर और क़ैद बन जाएगा. यानी जो शख्स सब से ज़्यादा बाद खसलत होगा उस को क़ौम के लोग अपना क़ाइद और हीरो बना लेंगे.
- आदमी अपने बाप की न फ़रमानी करेगा.
- आदमी अपनी माँ से बाद सुलुकी करेगा. (बुरे अख़लाक़ से पेश आएगा)
- दोस्त-दोस्त को (बिला ज़िज़ेक) नुकसान पहोछएगा.
- शोहर बीवी की इताअत करेगा. (बीवी की बात मन कर चलेगा)
- बदकारो की आवाज़े मस्जिदों में बुलन्द होंगी.
- गाने वाली औरतो की इज़्ज़त की जाएगी. यानी जो गाने-बजने का काम करने वाली है उन को बुलन्द मर्तबा दिया जाएगा.
- गाने बजाए और मौसिक़ी के सामान को हिफाज़त से रखा जाएगा.
- आम रास्तो पर शराब पी जाएगी.
- ज़ुलम करने को फख्र समजा जाएगा. (अच्छा काम समजा जाएगा.)
- इंसाफ बिकने लगेगा. यानी अदालतों में इंसाफ फरोख्त होगा. लोग पैसे देकर उस को खरीदेंगे.
- पुलिस वालो की कसरत होगी. (पुलिस वाले बहोत ज़्यादा होगने.
- क़ुरआने करीम को नगमा (गाने) का जरिया बनाया जाएगा. (क़ुरान को सवाब हासिल करने के लिए नहीं पढ़ा जाएगा.)
- दरिंदो (फदखानेवाले जानवर) की खाल का इस्तिआमाल किया जाएगा.
- उम्मत के आखरी लोग अपने से पहले लोगों पर लानतें करेंगे. यानी उन पर तनक़ीद करेंगे और उन पर एतेमाद नहीं करेंगे.
- या तो तुम पर सुर्ख अँधियाँ आएंगी.
- या ज़लज़ले आएंगे.
- या लोगों की सूरतें बदल जाएंगी. (हदीस का मफ़हूम है के रात को लोग गाने बाजे में लगेंगे और सुबह उन की सूरतें बन्दर और सुवर जैसी हो जाएँगी.
- या आसमान से पत्थर बरसे या अल्लाह की तरफ से अज़ाब आजाये.
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