
आमतौर पर जब बॉलीवुड स्टार्स से जब राजनीतिक सवाल किए जाते हैं तो वह अमूमन ऐसे सवालों को टालने की कोशिश करते हैं लेकिन अपनी आने वाली फिल्म ‘मुल्क’ के ट्रेलर लॉन्चिंग इवेंट पर जब पत्रकारों ने डायरेक्टर अनुभव सिन्हा से विभिन्न समुदाय के ध्रुवीकरण से संबंधित सवाल पूछा गया तो उन्होंने बड़े ही कड़क लहजे में उनके जवाब दिए।
अनुभव सिन्हा ने फिल्म ‘मूल्क’ के जरिए समाज में दो समुदायों के बीच फैली नफरत को पर्दे पर उतारने की शानदार कोशिश की है। उन्होंने इस फिल्म की कहानी लखनऊ में मार्च 2017 में हुए सैफुल्ला एनकाउंटर से प्रेरित होकर लिखी है। बता दें कि आईएसआईएस के इस संदिग्ध आतंकी को यूपी एंटी-टेररिज्म स्क्वाड ने मार गिराया था।
अनुभव से जब एक पत्रकार ने पूछा कि आपको क्या लगता है आखिर क्यों मुसलमान आतंकवाद की तरफ बढ़ रहे हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि न्यूज पढ़ते हैं आप? कल ही आपके देश के दो मंत्रियों ने दंगा कराने वाले हिंदुओं का स्वागत किया है। सवाल का जवाब खत्म।
अनुभव ने इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए कहा कि कोई भी देश का अच्छा नागरिक कभी भी सांप्रदायिक नहीं हो सकता। आजादी के बाद देश में हर साल कहीं न कहीं दंगें होते ही हैं।
अनुभव ने कहा कि मैं बनारस में हिंदुओं के साथ भी रहा हूं और अलीगढ़ में मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी। लेकिन कभी न हिंदू और न ही मुसलमान ने दंगों को सही बताया है। दंगे करवाने के पीछे कुछ ही लोग होते हैं और वो देश का माहौल खराब करते हैं।
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