छोटे से ही बच्चियों को अगर सही-गलत और समस्याओं से कैसे निपटा जाए कि सही जानकारी दी जाए तो वे खुद ही कई तरह की समस्याओं को खुद ही हल कर लेती हैं। आजकल छोटे बच्चे-बच्चियों मे एक बार ही सिर्फ अच्छे-बुरे के बारे में बता दिया जाए तो वो उसका बहुत ही ईमानदारी से अनुसरण करते हैं। मुंबई में कुछ इसी तरह की बानगी देखने को मिली, जहां 11 साल की बच्ची ने अपने पिता को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। दरअसल, बच्ची के स्कूल में बच्चों की प्रताड़ना और व्यवहार को लेकर लेक्चर दिया गया, जिसके बाद बच्ची ने खुद चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर फोन करके सारी बात बताई और बुधवार को स्पेशल कोर्ट ने पिता को रेप का दोषी करार दे दिया।
घटना 2014 की है, जब बच्ची ने हेल्पलाइन को घर पर प्रताड़ित किए जाने के बारे में फोन कर बताया। उसने अपने स्कूल में बच्चों के अधिकारों और समाधानों को लेकर कैंप में हिस्सा लिया था और वह मदद ढूंढ रही थी। उसने बताया कि उसका शराबी पिता पड़ोसी के साथ सोता था और बच्ची और उसके भाई को हर रात पीटता था। उसने कहा कि मां वहां नहीं थी, इसलिए उसने हेल्पलाइन पर फोन किया।
स्पेशल जज मिलिंद कुर्तदिकर ने बुधवार को एक एनजीओ वर्कर समेत 7 गवाहों के बयानों पर यकीन करते हुए बच्ची के पिता को दोषी करार दिया। कोर्ट ने प्रटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज ऐक्ट (POCSO) के तहत गंभीर यौन शोषण और आईपीसी के तहत रेप और छेड़खानी का मुकदमा दर्ज किया।
हेल्पलाइन पर फोन कर बच्ची ने खुद बताई थी आपबीती
बच्ची ने बताया कि जब पहले उसने 1098 पर फोन किया तो एक सोशल वर्कर ने आकर उससे बात की। उसने पिता से बात करने का वादा किया और चली गई। जब उसे और उसके भाई को दोबारा पीटा गया तो अगले दिन उसने हेल्पलाइन से जल्द ही कुछ करने के लिए कहा। जब एनजीओ वर्कर ने पिता से बात की तो उसने ऐसा कुछ करने से इनकार किया लेकिन फिर भी व्यवहार में बदलाव नहीं आया।
सोशल वर्कर फिर एक कोऑर्डिनेटर को अपने साथ लेकर गईं और पिता से लिखित में लिया कि वह बच्चों को मारेगा नहीं। बच्ची ने कोर्ट को बताया कि उन लोगों के जाने के बाद उसके पिता ने धमकी दी कि वह उसके भाई को लेकर चला जाएगा और बच्ची अकेली रह जाएगी। एनजीओ वर्कर हर महीने उनके घर जाती रही और पिता ठीक से व्यवहार करने लगा।
यौन शोषण करता रहा पिता, पिता ने एनजीओ वर्कर-बच्ची पर लगाए आरोप
एक दिन अचानक बच्ची ने पाया कि उसका पिता उसके पास सो रहा है। उसने बच्ची का यौन शोषण किया और मुंह पर हाथ रख उसकी चीखें दबा दीं। घटना से बुरी तरह परेशान बच्ची ने पड़ोसी और एनजीओ वर्कर को यह बात बता दी, जिन्होंने उससे पुलिस में रिपोर्ट लिखाने को कहा। पिता ने आरोप का खंडन किया और कहा कि एनजीओ वर्कर बच्ची को सिखा-पढ़ा रही है। उसने दावा किया कि बच्ची को इस बात से जलन थी कि वह अपनी प्रेमिका के बच्चों पर पैसे खर्च कर रहा है, उस पर नहीं, इसलिए वह बदला ले रही है। हालांकि, जज ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया।
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