बेवजह घर से निकलने की जरुरत क्या है | सबको मालूम है बहार की हवा है कातिल …..

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बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है |
मौत से आँख मिलाने की जरूरत क्या है ||

सबको मालूम है बाहर की हवा है कातिल |
फिर कातिल से उलझने की जरूरत क्या है ||

जिन्दगी हजार नियामत है, संभाल कर रखे |
फिर कब्रगाहो को सजाने की जरूरत क्या है ||

दिल को बहलाने के लिये, घर में वजह काफी है |
फिर गलियों में बेवजह भटकने की जरूरत क्या है

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Mr Nawaz
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